अशिक्षित मां की कोख से शिक्षित पीढ़ी पैदा नहीं हो सकती* (मौलाना अबुल कलाम आज़ाद)

अशिक्षित मां की कोख से शिक्षित पीढ़ी पैदा नहीं हो सकती* (मौलाना अबुल कलाम आज़ाद)


 बलिया (स्टेट 24 लाईव)अंजुमन-ए-तरकी उर्दू बलिया ने  सवतंत्रता संग्राम सेनानी,भारत रत्न, शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया। वक्ताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना आजाद की सेवाओं को याद किया। मौलाना ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बुनिया रखी एवं उसके औपचारिक कार्यान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद, चिकित्सा अनुसंधान परिषद, साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी आदि की मजबूत नींव रखी। मौलाना महिलाओं की शिक्षा को महत्वपूर्ण मानते थे।उनका मानना ​​था कि अशिक्षित माताओं के गर्भ से एक शिक्षित पीढ़ी का जन्म नहीं हो सकता। उनका यह भी मानना ​​था कि पुरुषों का अच्छा व्यवहार और नैतिकता महिलाओं के अच्छे व्यवहार और नैतिकता पर निर्भर करती है। इस अवसर पर डॉ. अब्दुल अव्वल ने अंजुमन तरक्क़ी ए उर्दू की देखरेख में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा अनुमोदित निःशुल्क उर्दू कोचिंग की कार्यवृति प्रस्तुत करते हुए   बताया कि कुल 25 लड़के और 25 लड़कियाँ कोचिंग में पढ़ रहे थे, शैक्षणिक वर्ष के अंत  में परीक्षा ली गयी जिसका परिणाम शतप्रतिशत रहा ।
इस अवसर पर कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षक अशफाक अहमद अंसारी  की लगन, मेहनत एवं शिक्षण कार्य की प्रशंसा कर सम्मानित किया गया. नूरुल होदा लारी ने कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष में उर्दू के साथ अंग्रेजी ,गणित व विज्ञान की निःशुल्क कोचिंग होगी।

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